बुधवार, 18 मार्च 2009

भारत या इंडिया क्या कहे ?

कोलंबस ने हम पर अहसान किया की उसने हमें ढूंढ़ निकला वरना हमारी कोई पहचान ही नही थी। ये शब्द मै कोई भांग के नशे के आधीन होकर नही लिख रहा हूँ। ये एक सच्चाई है जिस कम से कम मेरे जैसे पिछडी सोच वाले लज्जित है की महान सम्राट भारत के नाम पर मेरे देश को नही जाना जाता हर कोई अब इंडिया के नामसे इसे जानता है। हमारी इलेक्ट्रानिक मिडिया ने जोर शोर से नाम उठाया है। टीम इंडिया। क्या कहना, वाह जी वाह बहुत बढ़िया मै न्योछावर हूँ इन पर जिन्होंने मेरे देश को इज्जत बक्षी। पर कोई कुछ भी कहे मै तो अपने देश को भारत ही कहूँगा और जब तक जीवित हूँ कहता रहूँगा । फिर कभी...

सोमवार, 13 अक्तूबर 2008

हिन्दी के साथ जितना द्रोह इन फिल्म वालो ने किया किसी और ने नही किया होगा। साधारणतया हम कभी ख़त नही बोलते पत्र या चिठ्ठी बोलते है, ख्वाब नही बोलते स्वप्न या सीधे-सीधे सपना बोलते है क्योकि ये हमारे संस्कार नही है इस तरह से

मंगलवार, 31 जुलाई 2007

विचार मंथन - दिल से

ये फिल्म वाले और उनका अंग्रेजी प्रेम :
इन फिल्म वालो का जब भी कोई अवार्ड फंक्शन होता है, उस समय इनके सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी मे ही होता है। अंग्रेजी मे बोलते समय इनका सीना चौडा हो जाता है और हिंदी बोलते समय इनकी शान में बट्टा लग जाता है ।
सिर्फ अवार्ड फंक्शन ही क्यों किसी भी न्यूज़ चेनल को साक्षात्कार देते समय, अपनी फिल्म कि कोई भी जानकारी देते समय ये साहेबान हिंदी छोड़ अंग्रेजी का ही उपयोग करते है । सभी को मालूम है कि ये ऑस्कर के पीछे सनक कि हद तक पागल है और ऑस्कर वाले इन इंडियन डाग्स को हड्डी का टुकडा डालने को तैयार नही है, और तो और इन बेचारो मे से कुछ लोगो ने हालिवूड मे भी किस्मत आजमाने कि सोची तो (कबीर बेदी वगेरह जो हिंदी फिल्मो मे अच्छी तरह से रोजी रोटी कमा रहे थे..) उन्हें एक्स्ट्रा के काम भी नही मिले.. फिर भी इनका ये अंग्रेजी से प्रेम कही माँ के दूध पर लात मारने बराबर है।
केवल फिल्मी दुनिया मे दो ही ऐसे कलाकारो के दीदार होते है जो हिंदी मे बोल कर दिल खुश करते है। एक है अपने बिहारी मनोज वाजपेई और दुसरे है अपने एमपी के आशुतोष राणा जो खालिस हिंदी मे बतिया कर माँ भारती के मान मे चार चांद लगाते है।
टेलेंट हंट के नाम पे :
अन्नू मलिक वो आदमी है जिसने अपनी सारी जिंदगी दूसरो के गानों कि चोरी करने मे गुजारी है, ये पट्ठा बड़ा दिलदार है। महेश भट्ट कि फिल्म 'दी जेनटलमेन के गाने ए. .रहमान के तेलगु संस्करण वाली फिल्म से वैसे के वैसे ही मार दिए थे । ये नकलची इंडियन आइडल खोज रहा है। खुदा खैर करे।